<p>केरल में 'ओणम उत्सव' की शुरुआत हो चुकी है. इस मौके पर त्रिशूर के ऐतिहासिक वडक्कुनाथन मंदिर के दक्षिणी द्वार पर 150 से ज्यादा स्वयंसेवक इकट्ठा हुए. उन्होंने तड़के सुबह से ही अपना काम शुरू कर दिया और 1500 किलोग्राम से ज्यादा ताजे फूलों से भव्य और विशाल 'पूकलम' बनाया. ओणम के वक्त 'पूकलम' का खास महत्व होता है. इसे पौराणिक राजा महाबली के स्वागत के लिए बनाया गया था. ये समृद्धि का प्रतीक है, जिसे एक मुश्किल फूल की डिजाइन में बनाया जाता है. त्रिशूर में ओणम उत्सव सिर्फ पूकलम तक ही सीमित नहीं है. 10 दिन तक चलने वाले इस उत्सव के लिए भव्य तैयारियां की गई है. जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक प्रदर्शन और अनुष्ठान किए जाएंगे. तिरुवथिरा जैसा पारंपरिक नृत्य भी उत्सव का हिस्सा होगा जो केरल की समृद्ध विरासत और सांप्रदायिक भावना को दिखाता है.</p>