<p>नेपाल ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त करके इतिहास रच दिया है. 73 साल की कार्की ने शुक्रवार को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए शपथ ली. इस पद पर सहमति कई दिनों तक चली राजनैतिक अशांति और छात्रों की अगुवाई वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद बनी. विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. सुशीला कार्की का चयन राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सैन्य लीडरों और युवा प्रदर्शनकारियों के बीच हुई बैठक के बाद किया गया. नेपाल के इतिहास में कार्की अब इकलौती ऐसी शख्स हैं जिन्होंने न्यायपालिका और कार्यपालिका दोनों का नेतृत्व किया है. कार्की का भारत से भी गहरा नाता है. उन्होंने बीएचयू यानी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पोस्टग्रेजुएशन किया. कार्की कोई पेशेवर राजनीतिज्ञ नहीं हैं. वे कानून की प्रोफेसर हैं और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं. अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें अपनी ईमानदारी के लिए पहचान मिली. वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लिए ऐतिहासिक फैसलों के लिए जानी जाती हैं. </p>