सवाईमाधोपुर. जिले में भले ही इस बार औसत से दोगुनी बारिश हो चुकी है मगर इस बार मानसूनी बारिश कहर बनकर टूटी और देखते ही देखते 22 जनों की जिंदगी लील गई। हादसों में 19 जने नदी में डूब गए थे। वहीं तीन जनों की आकाशीय बिजली गिरने के कारण मौत हुई है। उधर, 22 मौतों के बाद परिजनों ने मुआवजे के लिए राज्य सरकार से गुहार भी लगाई है लेकिन परिजनों को अब तक मुआवजे की राशि का इंतजार है। <br />जुलाई में 11, अगस्त में 7 व सितम्बर में 4 की मौत<br />जिले में जुलाई माह में 11 जनों की मौत हुई है। इनमें दो व पांच जुलाई को आकाशीय बिजली गिरने, पांच जुलाई को नहर में पानी के कारण बहने से, नौ जुलाई को पैर फिसल कर पानी में डूबने से, 12 जुलाई को गलवा नदी की रपट में बहने से, 19 जुलाई को लटिया नाले में डूबने से, 20 जुलाई को भैंस को पानी से निकालने के दौरान पैर फिसल कर पानी में डूबने से, 21 जुलाई को, खेलते समय घर के पास बने गड््ढे में गिरकर डूबने से, 24 जुलाई को रणथम्भौर में केडिया तालाब में डूबने से, 26 व 31 जुलाई को बनास नदी में डूबने से, 7 अगस्त को गलवा नदी में डूबने से, 13 अगस्त को दो जनों की मोरेल नदी में डूबने से, 22 अगस्त को कुशालीपुरा में कार डूबने से, 23 अगस्त को सूरवाल बांध में नाव पलटने से, 25 अगस्त को नदी में डूबने से, 30 अगस्त को आकाशीय बिजली गिरने से, 3 व 4 व 5 सितम्बर को पानी में डूबने से मौत हुई है।<br />चार बड़े एवं 68 छोटे मवेशियों की मौत<br />अतिवृष्टि से जिले में छोटे व बड़े 72 मवेशियों की मौत हुई है। इनमें बड़े मवेशियों में चार भैंस एवं छोटे मवेशियों में 65 बकरियां व तीन बछड़े शामिल है। बारिश के कारण सभी मवेशिया काल का ग्रास बन गए है। <br />....................<br /><br />फैक्ट फाइल...<br />- मानसून सत्र में कुल मृतकों की संख्या-22<br />- सवाईमाधोपुर नगरपरिषद क्षेत्र के मोरेल बांध से प्रभावित गांव की संख्या-27<br />-एसडीआरएफ की दो एवं एनडीआरएफ की दो कुल चार टीमे जिला मुख्यालय पर तैनात है।<br />-नागरिक सुरक्षा के लिए 33 स्वयंसेवक पारी वाइज बाढ़ नियंत्रण कक्ष में तैनात।<br />-जिले में पानी निकासी के लिए आठ मंड पंप, एवं पांच मंड पंप नगर निकायो ंके पास उपलब्ध। <br />-बारिश से जिले में सवाईमाधोपुर, मलारना डूंगर, बौंली, चौथकाबरवाड़ा, खंडार, बामनवास क्षेत्र प्रभावित है। <br /><br /><br />