<p>तेलंगाना में भद्राद्री कोठागुडम जिले के पलवांचा में मोक्ष वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर कभी घनी झाड़ियों के बीच उपेक्षित था. अब मंदिर का पुराना वैभव फिर सामने आ रहा है. 13वीं सदी के काकतीय काल के मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार किया जा रहा है. इसका लगभग 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. मंदिर का जीणोद्धार श्यामला गोपालन फाउंडेशन करीब 40 करोड़ रुपये लागत से कर रहा है. इसका मकसद विरासत का संरक्षण करना और मंदिर की काकतीय काल की भव्यता को सामने लाना है. जीर्णोद्धार के काम में काकतीय राजवंश के मूल आयामों और स्थापत्य शैली को प्रमुखता दी जा रही है. साथ ही तिरुपति से प्रेरित वकुलमथ और भुवराह स्वामी को समर्पित दो नए मंदिर भी बनाए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि फाउंडेशन ने जीर्णोद्धार को एक पवित्र मिशन के रूप में लिया है. साथ ही उनके गांव के विकास में भी मदद कर रहा है. फाउंडेशन को उम्मीद है कि वो पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को मंदिर का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित कर सकेगा. ये उनकी दिवंगत मां को श्रद्धांजलि होगी. इससे तेलंगाना और अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के बीच भावनाओं का मजबूत पुल विकसित होगा. पूरा होने के बाद ये मंदिर काकतीय युग के विष्णु मंदिर के रूप में सामने आएगा, जो अपनी स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विरासत के साथ भविष्य का सफर तय करेगा.</p>
