सवाईमाधोपुर. पुलिस महकमा अब न्यायालय कार्यों में भी डिजिटल कदम बढ़ा रहा है। एफआईआर ओर शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने के बाद अब न्यायालय को भेजे जाने वाले आरोप पत्र और एफआईआर भी सीआईएस (केस इनफॉर्मेशन सिस्टम) एप्लिकेशन के जरिए भेजी जाएगी। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले में बौंली थाना सर्किल का चयन किया है। <br />नवीन आपाधिक कानूनों को लागू करने के लिए पूरे प्रदेश में मॉडल सर्किलों का चयन किया है। इस प्रोजेक्ट में प्रदेश में ४१ जिलों के ५२ थाने डिजिटल कार्यों के लिए चयनित किए है। इनमें सवाईमाधोपुर जिले के बौंली थाना शामिल है। <br />नए कानून में यह है प्रावधान <br />नए कानून के तहत दस साल तक के प्रकरणों का ६० दिन में निस्तारण किया जाना जरूरी है। इसके अलावा दस साल से अधिक प्रकरणों का ९०ा दिनों में निस्तारण करना अनिवार्य है। वहीं हर मुकदमें में घटना स्थल, जब्ती आदि प्रकरणों की एक वीडियो रिकॉर्डिंग में बनानी जरूरी है। इसके अलावा मेडिकल लीग रिपोर्ट(एमएलआर) पूर्व में फिजिकल रूप से बनाई जाती थी लेकिन चिकित्सकों की रिपोर्ट भी ऑनलाइन बनाई जाएगी।<br />नए सिस्टम के ये होंगे फायदे<br />इस प्रोजेक्ट के तहत फरियादी के समय की बचत होगी। दस्तावेज तुरंत अदालत तक पहुंचेंगे। कागजी काम कम होगा। दस्तावेजी साक्ष्यों की जरूरत घटेगी। इससे डिजिटल इंडिया पहल को मजबूती मिलेगी। न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी। पुलिस व अदालत के बीच समन्वय आसान होगा।<br />................<br />इनका कहना है...<br />डिजिटल कार्य के तहत बौंली थाने का चयन किया है। यहां ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है। <br />अनिल बेनीवाल, पुलिस अधीक्षक, सवाईमाधोपुर <br />....................<br />शुरू हो गई ऑनलाइन प्रक्रिया<br />नए कानून के तहत पूरे जिले में बौंली थाने का चयन किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत फरियादी के समय की बचत होगी। दस्तावेज तुरंत अदालत तक पहुंचेंगे। कागजी काम कम होगा। दस्तावेजी साक्ष्यों की जरूरत घटेगी। न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी। इस प्रक्रिया चालू हो गई है। <br />राधारमण गुप्ता, थानाधिकारी, बौंली<br /><br />