<p>उत्तराखंड के देहरादून का कार्लीगाड गांव.. जहां 15 सितंबर की रात एक दो बार नहीं, तीन-तीन बार प्रलय आया. आपदा में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। कई घरों में कीचड़ और मलबा जमा हो गया और उसमें लोगों का सब कुछ तबाह हो गया. जिस कार्लीगाड गांव में इतनी बड़ी तबाही हुई, उस गांव में अब तक ना कोई प्रशासन का अधिकारी और ना ही कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा। मदद की बात तो दूर.. प्रधान को छोड़ लोगों से किसी ने हालचाल तक नहीं पूछा. आपदा में गांव को शहर से जोड़ने वाला पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया. आवाजाही को बहाल करने के लिए ग्रामीणों ने खंभे और खूंटों की मदद से एक छोटा सा पुल तैयार किया. इस इलाके में 2011 में भी बादल फटा था और भारी तबाही मची थी, यही वजह है कि अब लोग इस इलाके में नहीं रहना चाहते हैं और सरकार से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. कार्लीगाड गांव में 100 परिवार रहता है, जो भीषण आपदा के बाद पांच दिन बाद भी मदद की आस लगाए हुए है.</p>