<p>भुवनेश्वर: ओडिशा के कटक में मुस्लिम कारीगर दुर्गा पूजा के लिए नायाब कलाकृतियां तैयार कर रहे हैं. इनमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता दिखाई जाएगी. कारीगरों में शेख असलम और अजमत खान भी हैं, जो तीन दशक से ज्यादा समय से पारंपरिक जरी शिल्प का काम कर रहे हैं. पीढ़ियों से चली आ रही कला में सुनहरे धागों से देवी दुर्गा के लिए सजावटी पृष्ठभूमि, सिर के वस्त्र, झुमके और दूसरे सजावटी सामान तैयार किए जाते हैं.</p><p>पृष्ठभूमि तैयार करना काफी मेहनत और एकाग्रता का काम है. इसे तैयार करने में महीनों लगते हैं. इसकी तैयारियां दुर्गा पूजा से करीब छह महीने पहले ही शुरू हो जाती हैं. देश भर की तरह कटक में भी इस साल 28 सितम्बर से दो अक्टूबर तक दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जाएगा. उससे पहले यहां का हिंदू-मुस्लिम भाईचारा प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है.</p>
