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उज्जैन के भूखी माता मंदिर की अनोखी परंपरा: माता को पशु की बलि, मदिरा का भोग, प्राचीन काल में यहां थी नरबलि की प्रथा

2025-09-28 10 Dailymotion

<p>मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित भूखी माता मंदिर में माता के सामने ना सिर्फ पशुओं की बलि दी जाती है. बल्कि उन्हें शराब भी चढ़ाई जाती है। प्रशासन के लोग खुद यहां माता को मदिरा चढ़ाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां नरबलि की प्रथा थी. भोग माता बारी-बारी से हर रोज एक घर से एक शख्स की बलि लेती थी. जिसे लोग खौफ में थे। राजा विक्रमादित्य उस पीड़ित परिवार के घर के पास से गुजर रहे थे, उन्हें जब बलि प्रथा की जानकारी मिली तो उन्होंने बड़ी ही चतुराई से माता को प्रसन्न किया और नरबलि प्रथा को खत्म कराया. राजा विक्रमादित्य ने नगर से बाहर क्षिप्रा नदी के किनारे माता का मंदिर स्थापित किया. भोगमाता की बहनों ने उनका नाम भूखी माता रखा. तब से यहां भूखी माता और मां भुवनेश्वरी की पूजा होती है.</p>

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