<p>देशभर के शहरों में दशहरे पर भव्य रावण दहन की तैयारी हो रही है, इस दौरान रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशाल पुतलों को अग्नि के हवाले किया जाएगा. बिहार के गया में ऐतिहासिक गांधी मैदान दशहरा उत्सव के लिए तैयार है, जहां मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाए गए पुतलों की सजावट की जा रही है और यहां पर ये परंपरा दशकों से चल रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ में भैंसाली मैदान में रावण दहन के आयोजकों का कहना है कि उनके पुतले पर्यावरण प्रोटोकॉल के मुताबिक तैयार किए जा रहे हैं. वाराणसी के बरेका मैदान में भी तैयारियां चल रही हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं. सहारनपुर में तैयारियां जोरों पर हैं और इस साल आग से जलने वाले खास पुतले आकर्षण का केंद्र होंगे. हरियाणा में पंचकूला के सेक्टर पांच के शालीमार मैदान में 180 फुट ऊंचा रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के 100 फुट ऊंचे पुतले भव्य आयोजन का मुख्य आकर्षण हैं. हर साल रावण दहन के दौरान जलाए जाने वाले रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशाल पुतले बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं. पुतले दहन के अलावा ये त्योहार पीढ़ियों से आस्था, कलात्मकता और सांप्रदायिक एकता की विरासत को आगे बढ़ाता है.</p>