<p>मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जिस कोल्ड्रिफ कफ सिरप के पीने से 10 बच्चों की मौत हुई.. उस कफ सिरप में डाय-इथिलीन ग्लाइकोल यानी DEG की मात्रा तय मानक से ज्यादा मिली। DEG एक जहरीला पदार्थ है जिससे किडनी खराब हो सकती है। तमिलनाडु के कांचीपुरम की कंपनी कोल्ड्रिफ सिरप बनाती है और यहीं से ये सिरप मध्यप्रदेश में भेजी गई थी। मध्यप्रदेश सरकार के कहने पर तमिलनाडु की FDA ने कोल्ड्रिफ की जांच कराई और जिसकी रिपोर्ट में ये बात सामने आई। रिपोर्ट मिलने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप को बैन कर दिया है. सीएम डॉ मोहन यादव ने ट्वीट कर फैसले की जानकारी दी.. उधर, जबलपुर जिला प्रशासन ने कोल्ड्रिफ के अलावा नेस्ट्रो-डीए सिरप की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगा दी है. </p><p>उधर, राजस्थान भरतपुर और सीकर में डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप के पीने से दो बच्चों की मौत हो गई थी... जिसके बाद राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस दवा की बिक्री पर रोक लगा दी थी.. हालांकि जब लैब में इस दवा की जांच कराई गई तो रिपोर्ट में सामने आया कि ये दवा पूरी तरह सुरक्षित है.. लेकिन ये सिरप पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं है.</p><p>इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में हुई मौतों को लेकर एडवाइजरी जारी की थी.. जिसमें हिदायत दी गई थी कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप ना पिलाई जाए. </p>