<p>झारखंड के पलामू के रहने वाले दिनेश कुमार आंखों से देख नहीं सकते, लेकिन इन्होंने खुद का अपना बैंड तैयार किया है. जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा युवा काम करते हैं. जो इलाके में होने वाले विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेते हैै . दिनेश के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. पिता मजदूरी करते थे, अप्रैल 2023 में दिनेश की मां एक NGO की उपज योजना से जुड़ीं, बकरी पालन शुरू किया और इससे होने वाली आमदनी से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट खरीदा, दिनेश ने म्यूजिक बजाना सीखा और फिर अपना बैंड बनाया. दिनेश आज आंखों से देख नहीं पाने के बावजूद हजारों युवाओं के लिए मिसाल बने हैं.</p>
