<p>मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीनी से 10 बच्चों की मौत मामले में पुलिस ने आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। मामला दर्ज होने से बाद डॉ प्रवीण सोनी को सस्पेंड कर दिया गया है. ईटीवी भारत ने ही सबसे पहले ये खबर दी थी. डॉक्टर प्रवीण सोने की क्लिनिक के पास ही उनकी पत्नी मेडिकल स्टोर चलाती हैं.. जहां से दवाएं खरीदी गई थीं. सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन और डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ परासिया थाने में 3 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. BNS की धारा 276... दवा में मिलावट मामले में 1 साल की सजा हो सकती है। वहीं, BNS की धारा 105... कल्पेबल होमीसाइड मामले में 10 साल की सजा दी जा सकती है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 27 ए.. मिलावटी ड्रग से मौत के मामले में 10 साल से अधिक या आजीवन जेल की सजा हो सकती है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन बनाती है.. जिसकी फैक्ट्री कांचीपुरम में है। छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरों के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तमिलनाडु से कोल्ड्रिफ की जांच करने को कहा था.. जांच में कोल्ड्रिफ सिरप को नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी यानी घटिया क्वालिटी का करार दिया गया। कोल्ड्रिफ में 48.6 फीसदी डाय-इथिलीन ग्लाइकॉल मिला.. जो जहरीला पदार्थ है और इससे किडनी खराब हो सकती है। तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट मिलते ही मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ पर बैन लगा दिया। सरकार ने पूरे प्रदेश में हर ब्रांड के कफ सिरप की जांच कराने की बात कही है। वहीं पुलिस आरोपी कंपनी पर कार्रवाई के लिए SIT की टीम को तमिलनाडु भेजने की तैयारी कर रही है।</p>