अब साफ है कि देश के मुख्य न्यायाधीश की तरफ जूता फेंकने वाला कोई अकेला नहीं था, बल्कि वह उस बड़ी जातिवादी विचारधारा का हिस्सा है जो जूते वाली घटना से पहले और उसके बाद भी देश के संविधान के प्रति नफ़रत उढ़ेल रही है और उसी का हिस्सा वह मीडिया भी है जो जूता फेंकने वाले वकील को हीरो बनाने पर तुला है और उसे अपनी घिनौनी करतूत को जायज़ ठहराने का मौका दे रहा है।<br />#latestnews #news #newsanalysis #dailynewsanalysis #newspaperanalysis #dailynewspaperanalysis #supremecourtofindia #brgavai #chiefjusticeofindia