<p>हरियाणा के गुरुग्राम के ऋतुराज उन शवों का अंतिम संस्कार करते हैं, जिनका अपना कोई नहीं होता है. ऋतुराज अब तक 2 हजार से ज्यादा शवों का संस्कार कर चुके हैं. ऋतुराज का ये सफर 14 साल पहले तब शुरू हुआ था, जब उन्हें एक पुलिस वाले का फोन आया और उसने ऋतुराज से एक लावारिश शव का अंतिम संस्कार करने को कहा। उसके बाद से ऋतुराज लावारिस शवों को तारणहार बन गए। ऋतुराज के पास सिर्फ गुरुग्राम से ही नहीं, बल्कि दिल्ली-NCR के कोने-कोने से फोन आने लगे. इसके बाद इन्होंने अघोर सेवा संस्थान नाम से एक संस्था बनाई.. शुरू में 6-7 दोस्त मिलकर सेवा का काम करते थे, अब उनके साथ 100 से ज्यादा लोग जुड़ गए हैं, अंतिम संस्कार का खर्च ये लोग अपनी जेब से उठाते हैं.</p>