बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयार मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की फाइनल वोटर लिस्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट में फंस गया है। कोर्ट ने डिलीट किए वोटरों की जानकारी मांग ली है। जस्टिस जॉयमाला बागची ने कहा कि इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित होने के बाद जो नाम जोड़े हैं, वो कौन लोग हैं। क्या ये लोग 65 लाख डिलीट किए गए नामों में शामिल थे, या यह नए लोग हैं। कोर्ट ने उन 3.66 लाख डिलीट किए गए वोटरों की जानकारी भी देने को कहा है, जिनको लेकर याचिकाकर्ता सवाल उठा रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग की दलील है कि किसी ने भी शिकायत नहीं की है और नामों का पता ड्राफ्ट और फाइनल वोटर लिस्ट के मिलान से चल जाएगा। मगर ऐसा लगता है कि कोर्ट चुनाव आयोग की दलीलों से संतुष्ट नहीं है। इसलिए अगली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं। इसी मुद्दे पर नवजीवन की चर्चा -