<p>विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के दौरे पर आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के साथ द्विपक्षीय बैठक की.. जिसके बाद जयशंकर ने काबुल में मौजूद टेक्निकल मिशन को भारतीय दूतावास का दर्जा लेने का एलान किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि काबुल स्थित भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर अपग्रेड करने की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है. अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान की सरकार पर कब्जा किया था तो भारत ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास और वाणिज्य दूतावास बंद कर दिए थे. इसके बाद 2022 में भारत ने वहां एक टेक्निकल टीम भेजकर अपनी उपस्थिति बनाई. बदले हालात में भारत एक बार फिर से वहां अपना दूतावास खोलने जा रहा है. इतना ही नहीं, भारत ने अफगानिस्तान की संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के सत्ता से हटने और तालिबान के सत्ता अपने हाथ में लेने के चार साल बाद तालिबान सरकार के किसी नेता की काबुल से भारत की यह पहली उच्चस्तरीय हाईलेवल यात्रा है. इस यात्रा के दौरान भारत की ओर से अफगानिस्तान में दूतावास खोलने के एलान को पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.</p>