<p>बिहार के गया का शिवपुर गांव, यहां के लोगों आजादी के 75 साल बाद भी बिजली, पानी, सड़क के लिए तरस रहे हैं. इस गांव के लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए तीन किलोमीटर पैदल चलकर, दूसरे गांव जाते हैं. यहां के घरों में चूल्हे पर खाना पकता है, इनको गैस सिलेंडर तक नहीं मिला है.टोले में 100 घरों में तीन सौ से ज्यादा लोग रहते हैं.ज्यादातर मांझी समाज के लोग हैं.</p><p>यहां को लोगों का कहना है कि जब चुनाव का वक्त आता है तो नेता आते हैं, बड़े-बडे वादे करते हैं, डर दिखाकर वोट ले लेते हैं.और जब विकास मांगने जाओं को भगा देते हैं. यहां के वार्ड सचिव ने जात-पात के नाम पर ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक, सांसद और मंत्री बनने के बाद, यहां झांकने तक नहीं आते हैं.</p>