<p>जम्मू के सीमावर्ती गांव पल्ली के एक छोटे से कमरे में ये महिलाएं मिट्टी के दीये बनाने में व्यस्त हैं जिन्हें दिवाली के लिए बाजारों में बेचा जाएगा. ये महिलाएं एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और हर साल दीवाली से पहले ये मिट्टी के दीये बनाने का काम करती हैं. कारीगरों का कहना है कि इस गांव में बनाए गए उत्पादों की जम्मू के बाजारों में काफी मांग है. स्वयं सहायता समूह की एक सदस्य दिवाली पर मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा के बारे में बताती हैं. रोशनी का त्योहार कही जाने वाली दिवाली देशभर में 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी.</p>