<p>देवास के बागली तहसील की महिला, जो आदिवासी बहुल गांव सालखेतीया में रहती है, तीन नेत्रहीन बच्चों के साथ जीवन का संघर्ष कर रही है. पति की तीन साल पहले मौत हो गई. दो वक्त की रोटी के लिए तरस रही है. घर की छत भी टूट चुकी है. ये महिला घर से रोज सुबह मजदूरी करने निकलने है, और शाम को जब दो पैसे लेकर लौटती है तब घर का चुल्हा जल पाता है. महिला को मदद की दरकार है, सरकार से मदद मिलने की आस है. महिला ने जिम्मेदारों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने और विधवा पेंशन की मांग की है.</p>