<p>गुजरात के अमरेली जिले के सावर-कुंडला गांवों के बीच अनोखी दिवाली मनाई जाती है। यहां एक दूसरे पर ग्रीन पटाखे छोड़े जाते हैं, जिसे इंगोरिया नाम दिया गया है. सावरकुंडला में करीब 150 सालों से ये परंपरा चली आ रही है.. कोई अनहोनी ना हो.. इसके लिए यहां पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टरों की टीमें भी तैनात रहती हैं.. इंगोरिया युद्ध को देखने के लिए गुजरात के बाहर से भी लोग आते हैं. देश में अपनी अनूठी पहचान बना चुका इंगोरिया युद्ध अब सिर्फ सावर-कुंडला तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अमरेली जिले की यह परंपरा अब पूरे गुजरात में जानी जाने लगी है.. जिसमें लोग धर्म और मजहब को भूलकर शामिल होते हैं.</p>