सवाईमाधोपुर. आलनपुर स्थित कृषि उपज मंडी में इन दिनों बाजरे की आवक बेहद कमजोर बनी है। पिछले वर्ष की तुलना में तीन से चार गुना तक आवक में गिरावट दर्ज की गई है। इससे मंडी में सन्नाटा पसरा है और व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है।<br /><br />इस बार अतिवृष्टि के कारण जिले में बाजरे की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। दीपावली के बाद भी मंडी में बाजरे की आवक सामान्य नहीं हो सकी है। इन दिनों मंडी में एक हजार कट्टों की ही आवक हो रही है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय तीन से चार हजार कट्टे बाजरे की आवक दर्ज की थी।<br /><br />बारिश ने बिगाड़ा किसानों का खेल<br /><br />इस बार अतिवृष्टि से खेतों में पानी भर गया। इससे बाजरे की फसल खराब हो गई। कई क्षेत्रों में कटाई भी प्रभावित हुई, जिससे मंडी में माल लाने में देरी हो रही है। किसानों का कहना है कि मौसम की मार ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। कृषि उपज मंडी से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल जिले में बाजरे की पैदावार अच्छी हुई थी, लेकिन दाम कम थे। उस समय बाजरे के भाव 1800 से 1900 रुपए प्रति क्विंटल थे। इस बार भाव थोड़ा बेहतर है, लेकिन उत्पादन की कमी के कारण कुल आय घट गई है। हालांकि इन भावों में भी किसानों की लागत नहीं निकल पा रही है<br /><br />इनका कहना है...<br /><br />जानकारी के अनुसार कृषि उपज मण्डी में वर्तमान में बाजरे का भाव 2015 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक ही पहुंच रहा है, जो किसानों की लागत और उमीदों से काफी कम है। कम आवक के बावजूद भाव में अपेक्षित तेजी नहीं आ रही है, जिससे छोटे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान बेहतर मूल्य की उमीद में माल रोककर बैठे हैं, लेकिन बाजार में मांग स्थिर बनी हुई है। हालांकि पिछली बार इस समय बाजरे का भाव 1800 से 1900 रुपए प्रति क्विंटल था।<br /><br />इस बार अतिवृष्टि से बाजरे की फसल खराब हो गई है। ऐसे में बाजरे की आवक दस प्रतिशत रह गई है। मण्डी में बाजरे की आवक कम हो रही है। आने वाले दिनों बाजरे की आवक कम ही होने के आसार है। इन दिनों केवल 40 से 50 किसान ही बाजरा ला रहे है।
