जयपुर। आंवला नवमी पर शहर के गोविंद देवजी मंदिर, राधा-दामोदर मंदिर, राम जानकी मंदिर सहित अन्य ठाकुरजी के मंदिर में भक्तों की रौनक रही। महिला श्रद्धालुओं ने आंवले के वृक्ष की परिक्रमा करते हुए दीप जलाए और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। कई जगह महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाए। आंवला नवमी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना के साथ आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है।<br />पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी को ‘अक्षय नवमी’ भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को दीर्घायु, स्वास्थ्य और धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया पुण्य अक्षय रहता है, अर्थात कभी नष्ट नहीं होता।
