<p>मध्यप्रदेश के शहडोल की धरती... जहां हर घर की बाड़ी में सिर्फ सब्जियां नहीं, एक सोच उगती है... पानी बचाने की सोच, जिसे यहां कहते हैं गोंडरी व्यवस्था. गोंडरी यानी घर से लगी वो छोटी-सी जमीन.. जहां नहाने और बर्तन धोने के पानी से सब्जियों की सिंचाई होती है. हर बूंद यहां जाया नहीं जाती बल्कि जीवन देती है. इस छोटी-सी बाड़ी में मिर्च, बैंगन, अदरक, पपीता हर मौसम की सब्जियां उगाई जाती हैं. यहां बर्तन धोने से बचा खाना मिट्टी में खाद बन जाता है और ये नेच्यूरल तरीका पूरे गांव की जीवनशैली को टिकाऊ बनाता है. इस व्यवस्था से न सिर्फ पानी बचता है,..बल्कि परिवार को रोज ताजी.. रसायन-मुक्त सब्जियां भी मिलती हैं.</p>
