जनता की समस्याओं को लेकर नहीं मिला सही जवाब <br />प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत रविवार को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से जुड़ी समस्याओं पर मीडिया के सवालों के सामने पूरी तरह घिर गए। मंत्री न तो मेडिकल कॉलेज में हुए कथित घोटाले पर जवाब दे पाए, न ही जिला अस्पताल में दो साल से बंद पड़ी सीटी स्कैन मशीन पर कोई ठोस बात कह सके।<br />फर्जीवाड़े को लेकर पूछे सवाल, नहीं मिले सही जवाब <br />मंत्री कुमावत बाड़मेर जिला अस्पताल में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां जब पत्रकारों ने उनसे मेडिकल कॉलेज में टेंडर प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। कहा कि अभी तो निर्माण चल रहा है, घोटाला किस बात का होगा। ठेकेदार काम कर रहा है। जब काम पूरा होगा, तब पता चलेगा। सरकार इसमें कुछ नहीं करती, घोटाले सरकार के नहीं होते हैं, ठेकेदार के होते हैं। जबकि हकीकत यह है कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य छह वर्ष पहले ही पूरा हो चुका है। और यहां से एक बैच एमबीबीएस विद्यार्थियों का पांच वर्षीय कोर्स पूरा भी हो चुका है। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी और मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण चल रहा है। दुबारा जब सवाल हुआ तो कहा कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।<br />जांच रिपोर्ट में उजागर हुआ था फर्जीवाड़ा <br />सीटी स्कैन मशीन पर गोलमाल जवाब<br />पत्रकारों ने जब मंत्री से जिला अस्पताल में दो साल से बंद पड़ी सीटी स्कैन मशीन के बारे में पूछा, तो वे यहां भी स्पष्ट जवाब देने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा आज ही अस्पताल में इसकी चर्चा की है। मशीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है। फाइल बनाकर मंत्रालय भेज दी गई है, अभी ऑफिस में ही पड़ी है, जल्दी ही आ जाएगी।<br />फिर मंत्री की सफाई..टेंडर कर रहे हैं, जल्द मिलेगी जांच<br />मंत्री ने यह भी कहा कि अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगने तक टेंडर प्रक्रिया के जरिए पीपीडी मोड पर जांचें शुरू की जा रही हैं। जब पूछा कि यह प्रक्रिया कब पूरी होगी, तो मंत्री ने टालते हुए कहा आज भी कहकर आया हूं। उल्लेखनीय है कि तीन माह से सीटी स्कैन की पीपीडी मोड पर हो रही जांच भी ठप है।<br />हमारी सरकार आने के बाद नहीं हुए सड़क हादसे<br />मंत्री ने सड़क हादसों पर कहा कि हादसे हमारी सरकार के आने के बाद नहीं हुए हैं, हादसे पहले भी होते थे, हमने मॉनिटरिंग बढ़ाई है। चलती गाड़ी में आग लग जाए, तो उसमें जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
