पश्चिम क्षेत्र के एक स्थान से..मरुस्थल में बुधवार को ऑपरेशन त्रिशूल के अंतिम दिन भारतीय सेना की रुद्र ब्रिगेड ने ‘अखंड प्रहार’ युद्धाभ्यास में काल्पनिक दुश्मन ठिकानों पर सटीक हमले कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। टैंकों की गड़गड़ाहट और हेलिकॉप्टरों की गर्जना से रेगिस्तान गूंज उठा। थल, वायु और तकनीकी क्षमताओं के एकीकृत प्रदर्शन में नई रणनीतियां, स्वदेशी तकनीक, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम की प्रभावशीलता दिखाई दी। अभ्यास में थार रैप्टर्स की एविएशन यूनिट और भारतीय वायुसेना ने भी हिस्सा लिया। सदर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने अभ्यास को भारतीय सेना की परिचालन दक्षता, आत्मनिर्भरता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।<br /><br />
