<p>उत्तरप्रदेश के वाराणसी में 2 दिसंबर से काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण की शुरुआत हो रही है. कार्यक्रम का समापन रामेश्वरम में होगा. इस कार्यक्रम में संगीत, नृत्य, कला और साहित्य से जुड़े कई कार्यक्रम होंगे. काशी-तमिल संगमम पिछले कुछ सालों से उत्तर दक्षिण के रिश्ते को मजबूत करने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है. काशी तट पर रहने वाले संगीत प्रेमियों का कहना है कि कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत की जड़ें वैदिक काल से ही आपस में जुड़ी हुई हैं. काशी के मंदिरों से दक्षिण और उत्तर के संगीत का आदान-प्रदान शुरू हुआ. महापुरुषों और संगीतकारों ने उत्तर और दक्षिण के संगीत का कॉम्पोजिशन बदला.. जिससे ये एक-दूसरे का पूरक बन गए. संगीत की वजह से दोनों करीब आए.. और समय के दोनों के रिश्ते मजबूत होते गए.</p>
