<p>'नमांश स्याल अमर रहें' और 'भारत माता की जय' के नारों से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का पटियालकड़ गांव गूंज उठा.. जब वायु सेना के विंग कमांडर शहीद नमांश स्याल का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो माता-पिता, पत्नी और परिजनों की आंखें नम थीं. नमांश के मां का दर्द हर किसी को भावुक कर गया.. पिता ने नमांश के निधन को राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति बताया. </p><p>एयरफोर्स का विशेष विमान उनके पार्थिव शरीर को लेकर गग्गल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे पर उतरा. एयरपोर्ट से बाहर आते वक्त नमांश की पत्नी एयरफोर्स की वर्दी में थीं. नमांश के माता-पिता और सात साल की बेटी भी साथ थे. सब गमगीन थे. गग्गल हवाई अड्डे से जब उनका पार्थिव शरीर पटियालकड़ गांव की ओर रवाना हुआ तो लोग नमांश अमर रहे.. के नारे लगा रहे थे.. शहीद के सम्मान में सैकड़ों लोगों ने बाइक रैली निकाली. सड़क के किनारे लोगों ने नम आंखों से भारत माता के वीर सपूत के अंतिम दर्शन किए. गांव में उनके घर पर भी भारी भीड़ उमड़ी.. सैन्य अधिकारी नमांश का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे.. कोई यकीन नहीं कर पा रहा कि परिवार का इकलौता हमेशा के लिए इस दुनिया से विदा हो गया. शहीद के अंतिम संस्कार में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार भी पटियालकड़ पहुंचे और शहीद को श्रद्धांजलि दी. </p><p>शहीद विंग कमांडर नमांश स्याल की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए.. जिनमें नमांश के साथी भी शामिल हैं. विंग कमांडर अफशां ने अपने पति नमांश स्याल को आखिरी श्रद्धांजलि दी. विंग कमांडर अफशां ने अपने पति, विंग कमांडर नमांश स्याल को सैल्यूट किया और नम आंखों से उन्हें अलविदा कहा.. इसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ नमांश का अंतिम संस्कार किया गया. चचेरे भाई ने नमांश स्याल को मुखाग्नि दी.. और देखते ही देखते नमांश स्याल का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. </p>
