पश्चिम बंगाल के SIR अभियान के दौरान बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब 70 वर्षीय मायारानी गोस्वामी का नाम राज्य की 44 अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज पाया गया। इस खुलासे ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। भाजपा का आरोप है कि यह संगठित चुनावी गड़बड़ी का संकेत है, जबकि तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि यह चुनाव आयोग की तकनीकी त्रुटि है जिसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। मतदाता सूची में ऐसी अनियमितताओं ने आगामी चुनावों से पहले बंगाल की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। <br /> <br />#WestBengal #VoterList #SIRControversy #ElectionNews #BengalPolitics #TMC #BJP #MayaraniGoswami #PollUpdate
