सवाईमाधोपुर. इस बार मौसम की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। सर्दी की रंगत कमजोर होने से जिले के अमरूदों की मिठास भी फीकी पड़ गई है। तापमान में असामान्य तेजी के कारण अमरूदों में रंगत नहीं आई और फल आकार में छोटे रह गए हैं। मंडियों में गिने-चुने ठेलों पर जो अमरूद नजर आ रहे हैं, वे स्वाद और आकार में कमजोर हैं। किसान अब कड़ाके की सर्दी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि फलों में मिठास लौटे और कारोबार को सहारा मिले। फिलहाल अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज हो रहा है।<br /><br />आवक शुरू, गुणवत्ता कमजोर : इन दिनों अमरूदों की आवक तो शुरू हो गई है, लेकिन उनमें अपेक्षित गुणवत्ता नहीं है। उद्यानिकी विभाग के अनुसार सर्दी बढ़ने पर आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर अमरूदों की आवक होगी और उनमें मिठास भी लौटेगी। विभाग का कहना है कि इस बार अतिवृष्टि और मौसम की अनुकूलता नहीं होने से कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ा है, जिसका सीधा असर लागत और उत्पादन पर पड़ेगा।<br /><br />मंडी में 50 रुपए किलो तक बिक रहे : सूरवाल, करमोदा सहित अन्य क्षेत्रों से अमरूद मंडियों में पहुंच रहे हैं। बजरिया स्थित सब्जी मंडी में ठेलों पर अमरूद 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे हैं। नवबर के अंतिम सप्ताह के बाद अमरूद पकने लगेंगे तो आवक बढ़ेगी और भाव में भी कमी आने की संभावना है।<br /><br />जिले में यहां हैं बगीचे: जिले में सूरवाल, करमोदा, दौंदरी, मथुरापुर, आटूनकला, घुड़ासी, शेरपुर-खिलचीपुर, श्यामपुरा, ओलवाड़ा, पढ़ाना, मैनपुरा, अजनोटी, भाड़ौती, सेलू, रावल, गंगापुरसिटी, बामनवास आदि स्थानों पर 14,678 हैक्टेयर में अमरूदों के बगीचे लगे हैं।<br /><br />फैक्ट फाइल<br />जिले में इस बार 14,678 हैक्टेयर क्षेत्र में लगे हैं अमरूदों के बगीचे<br /><br />20 हजार परिवार कर रहे हैं अमरूदों की बागवानी<br /><br />जड़गलन व फफूंदजनित रोग से 40 प्रतिशत तक कारोबार प्रभावित होने की आशंका<br /><br />बाजार में फिलहाल 50 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा अमरूद<br /><br />वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.50 लाख मीट्रिक टन पैदावार की संभावना<br /><br /><br />इनका कहना है<br />सर्दी का असर कमजोर होने से अमरूदों की मिठास पर असर पड़ा है। आगामी दिनों में जैसे ही सर्दी बढ़ेगी तो अमरूदों की आवक के साथ मिठास भी बढ़ेगी। इस बार जलभराव क्षेत्रों में अमरूदों में जड़गलन रोग से 40 प्रतिशत तक कारोबार प्रभावित होने की आशंका है। नवबर के अंतिम सप्ताह में अच्छी गुणवत्ता के फल आने शुरू हो जाएंगे।<br /><br />सीपी बड़ाया, उपनिदेशक, उद्यान विभाग, सवाईमाधोपुर
