उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग के पूर्व मुख्य चुनाव अधिकारी और इलेक्शन कमीशन में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर रहे और अफगानिस्तान में चुनाव करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड ऑफिसर नूर मोहम्मद ने कहा कि अगर सत्ताधारी पार्टी के बीएलए से चुनाव आयोग का बीएलओ मिल जाए तो विपक्षी पार्टियां कुछ नहीं कर सकतीं। इस पर चेक एंड बैलेंस की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि एनआरसी करा पाने में मिली नाकामी ने इस प्रक्रिया को स्पेशल इंटेसिव रिवीजन का नाम दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने इलेक्शन कमीशन के काम करने के तरीके, विपक्ष के आरोपों और इस बदले हुए राजनीतिक माहौल में विपक्ष के पास विकल्प क्या हैं? <br />#electioncommission #biharelection2025 #SIRvoterlist
