<p>भारत में डिजिटल सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसी दिशा में केंद्र सरकार ने ‘संचार साथी ऐप’ को हर नए स्मार्टफोन में प्रीइॉस्टाल करने का बड़ा फैसला लिया है. अब चाहे देश में बना फोन हो या विदेश से मंगाया गया, ये ऐप पहले से ही इंस्टॉल होना जरूरी होगा और इसे हटाया नहीं जा सकेगा. वहीं, सरकार के फैसला का विरोध भी शुरू हो गया है. विपक्ष ने इस ऐप को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने इसे नागरिकों की निजता का हनन बताया है और सरकार पर तानाशाही के आरोप लगाए हैं. </p><p>दरअसल, 28 नवंबर 2025 को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने सभी मोबाइल कंपनियों को अगले 3 महीनों में नए और पहले से मौजूद सभी मोबाइल फोन में ये ऐप इंस्टॉल करने का निर्देश दिया, जिसके बाद इसका विरोध शुरू हुआ.</p><p>संचार साथी ऐप साल 2023 में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स ने शुरू की थी. इसका मुख्य उद्देश्य है-नकली या डुप्लिकेट फोन की पहचान, संदिग्ध या चोरी हुए मोबाइल की रिपोर्टिंग, यूजर के नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन हैं, यह जानना. इसके जरिए लोग चोरी हुए या विदेश से आने वाले फोन की जानकारी आसानी से दर्ज कर सकते हैं और उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं.</p><p>इस ऐप से अब तक 42 लाख से अधिक मोबाइल फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं. 26 लाख से अधिक चोरी हुए फोन की जानकारी दर्ज हो चुकी है. 288 लाख से अधिक शिकायतें मोबाइल कनेक्शन की जांच के लिए दर्ज की गईं, जिनमें से 254 लाख सुलझाई जा चुकी हैं. </p>
