<p>नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिन्दुस्तान अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है. पड़ोसी देश श्रीलंका जिस वक्त चक्रवात दित्वा की तबाही झेल रहा था उस वक्त NDRF (National Disaster Response Force) ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया और ऑपरेशन सागर बंधु के तहत बाढ़ में फंसे लोगों की मदद की. </p><ul><li>श्रीलंका में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने कुल 144 लोगों को रेस्क्यू किया. </li><li>जिसमें गर्भवती महिलाएं, नवजात, बुजुर्ग और दृष्टिहीन बुजुर्ग भी शामिल थे.</li><li>रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ की टीमों ने दो शवों को निकालकर स्थानीय प्रशासन को सौंपा. </li><li>अहम बात ये है कि गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर स्थित एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन में आपदा ग्रसित क्षेत्र में शवों को ढूंढने के लिए 6 श्वानों (Canine Dogs को प्रशिक्षित किया गया था. </li><li>श्वानों को दिए गए प्रशिक्षण का सकारात्मक परिणाम मिला है. श्रीलंका में आपदा ग्रसित क्षेत्र में श्वानों ने दो शवों को ढूंढ निकाला है.</li></ul><p>29 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force - NDRF) की विशेष टीम भारत सरकार द्वारा श्रीलंका में चलाए गए "OPS SAGAR BANDHU" के लिए श्रीलंका रवाना हुई थी. NDRF की आठवीं बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी के नेतृत्व में 80 सदस्य टीम को राहत और बचाव कार्यों के लिए श्रीलंका भेजा गया था. 8 दिसंबर 2025 को एनडीआरएफ की टीमें सफल ऑपरेशन के बाद टीम श्रीलंका से भारत वापस लौट आई हैं. जहां गाजियाबाद पहुंचकर टीम ने इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया. </p>
