राजस्थान पत्रिका की ओर से सोमवार को आयोजित पत्रिका टॉक शो नशा मुक्ति संग्राम में सामाजिक संकल्प का स्वर उभरा। नशे की रोकथाम और इसके दुष्प्रभावों को लेकर आयोजित इस टॉक शो में महिला वर्ग, अभिभावकों और शिक्षकों की प्रभावी भागीदारी रही। चर्चा के दौरान यह स्पष्ट संदेश सामने आया कि नशा समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा है और इससे लड़ाई अब सामूहिक प्रयास से ही संभव है।<br /><br />मोटिवेटर आलोक थानवी ने कहा कि नशा युवाओं के सपनों, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता पर सीधा प्रहार करता है। लक्ष्य निर्धारण, आत्मअनुशासन और सकारात्मक संगति युवाओं को इस दलदल से बाहर निकाल सकती है। कॅरियर काउंसलर पारुल भाटी ने विद्यार्थियों में बढ़ते तनाव, असफलता के भय और मार्गदर्शन के अभाव को नशे की ओर धकेलने वाले प्रमुख कारण बताया। उन्होंने समय पर कॅरियर मार्गदर्शन, खुला संवाद और भावनात्मक सहयोग को अनिवार्य बताया।
