ये इश्क बड़ा बेईमान, ये इश्क बड़ा बेईमान।<br />अच्छे अच्छे सूफी संत का, खत्म करे ईमान।।<br /><br />पानी में आग लगाए, तन शोला सा जलाए,<br />पल भर में ही लुट जाती है, इज्जतदार की आन, <br />ये इश्क बड़ा बेईमान, ये इश्क बड़ा बेईमान।।<br /><br />तन अंगड़ाइयां तोड़े, ना चुनरी को ओढ़े,<br />बीच बजरिया ला देता है, इश्क मुश्किल में जान, <br />ये इश्क बड़ा बेईमान, ये इश्क बड़ा बेईमान।।<br /><br />ये इश्क जिसे होता है, वो सारी रात रोता है,<br />फंस जाती है जब राजा की, एक तोते में जान, <br />ये इश्क बड़ा बेईमान, ये इश्क बड़ा बेईमान।।<br />#Lyrics_Amit_Alok