समझो करते क्या इशारा, दिन ये बहार के।<br />जिंदगी को काट देंगे, दो कदम ही प्यार के।।<br /><br />ये ज़मीं देखो तो आसमां से मिल रही,<br />महके गुलशन सभी, हर कली खिल रही।<br />कह दो दिल की बातों को तुम पुकार के,<br />जिंदगी को काट देंगे, दो कदम ही प्यार के।।<br /><br />प्यार की राहों में जब अड़चनें रहती हैं,<br />दिल की बातों को तब धड़कनें कहती हैं।<br />काटे कटते नहीं हैं, पल ये इंतजार के,<br />जिंदगी को काट देंगे, दो कदम ही प्यार के।।<br /><br />घटा खुल के आसमान पे छाई हुई है,<br />हवा पुरवाई फिजा को महकाई हुई है।<br />आए दिन हैं सनम, अब तो इजहार के,<br />जिंदगी को काट देंगे, दो कदम ही प्यार के।।<br />#Lyrics_Amit_Alok
