<p>केरल के कासरगोड की असीमा अग्निहोत्री ने सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए वैदिक मंत्रों के साथ गणपति यज्ञ कराया.ये अनुष्ठान अभी तक केवल पुरुष ही कराते आ रहे हैं.लेकिन सत्यनारायण और रंजीता कुमारी की बेटी ऐसा करने वाली पहली लड़की बनीं.</p><p>असीमा अर्थात बीना किसी बंधन के, इन्होंने अपने नाम को सार्थक किया और पुरोहिती में जेंडर की प्रधानता को खत्म किया.असीमा के भाई अद्वैत अग्निहोत्री यज्ञ और पूजा पाठ कराने के दौरान उनकी मदद करते हैं. डेलमपडी के अदूर में अपने घर में इन्होंने पहली बार गणपति होमम कराया. जिसके बाद इन्हें आसपास के घरों से निमंत्रण मिलने लगे. फिर यज्ञ और अनुष्ठान के लिए उन्हें दूर-दूर से बुलावा आने लगा.</p><p>असीमा गणपति होम कराती हैं.जो एक वैदिक अनुष्ठान है.जीवन में सभी बाधाओं को दूर करने, सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है. आमतौर पर अभी तक इसे पुरुष परोहित कराते आ रहे थे. लेकिन असीमा ने ये बंधन तोड़ दिया.</p>
